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Reflection of light - hindi mein

-प्रकाश
दोंस्तो आप सोचते होंगे की अंधेरे में रखी वस्तुएं अचानक बल्ब जलाने पर हमे दिखने लगती हैं । आखिर इसका कारण है क्या ? ज़्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीँ है । इस ब्लाग में सवकुछ है।
जब बल्ब जलाते हैं तो बल्ब प्रकाश उत्पन्न करता है  तो प्रकाश  वस्तु पर गिरता है और बह प्रकाश उस वस्तु से होकर हमारी आंखो तक पहुंचता है  और जिसके कारण हमें वस्तुएँ दिखाई देने लगती हैं  ।
प्रकाश का परावर्तन
                            प्रकाश के परावर्तन से मतलब  ये है कि जब किसी दर्पण यानी शीशा जिसमें आप अपना चहरा देखते हो उसे जब आप धूप में लाते हो तो सूर्य से आने वाला  प्रकाश उस दर्पण से टकराकर वापस दूसरी दिशा में लौट जाता है। इस  क्रिया को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं।

परावर्तन के नियम
                         प्रकाश के परावर्तन के दो नियम हैं।
1.आपतित किरण, परावर्तित किरण  तथा आपतन बिंदु पर खींचा गया अभिलम्ब  तीनों एक ही तल में होते हैं।
2.परावर्तन कोण तथा अपवर्तन कोण सदैव बराबर होते हैं।
प्रतिविम्ब(Image)
                           किसी बिंदु से चलने वाली प्रकच कि किरण परावर्तन के पश्चात् जिस बिंदु पर आकर मिलती हैं अथवा जिस बिंदु पर आकर मिलती  हुई प्रतीत होती हैं तो उसे उस बिंदु को पहले बिंदु का प्रतिविम्ब कहते हैं। प्रतिविम्ब दो प्रकार के होते हैं। 
1. आभासी प्रतिविम्ब       2. वास्तविक  प्रतिविम्ब
गोलीय दर्पण
                 गोलीय दर्पण काँच के खोखले गोले का कटा हुआ एक भाग होता है। जिसके एक सिरे पर रेड आक्साइड का पेंट किया हुआ होता है।
गोलिये  दर्पण मुख्यता दो प्रकार के होते हैं।
1. उत्तल दर्पण          2. अवतल दर्पण

1. उत्तल दर्पण
                    उत्तल दर्पण  बह दर्पण  है। जिसमें प्रकाश का परावर्तन उत्तल प्रष्ठ से होता है। तो दर्पण कहलाता है।
                                   
                                       
1.अवतल दर्पण
                   अवतल  प्रकाश का परवर्तन  दर्पण के अवतल प्रष्ठ से होता है। तो दर्पण अवतल दर्पण कहलाता है।
  

वक्रता केन्द्र
               गोले के केन्द्र को जिसका गोलीय दर्पण एक भाग होता है। वक्रता केन्द्र कहते हैं।
ध्रुव
     गोलीय दर्पण के परावर्तक प्रष्ठ  के मध्य बिंदु को दर्पण का ध्रुव कहते हैं।
मुख्य अछ 
      दर्पण  ध्रूब तथा बक्रता केंद्र को मिलाने बाली रेखा को उस दर्पण कहतें हैं।
मुख्य फोकस 
      दर्पण के मुख्य अछ के  समान्तर चलने वाली प्रकाश  किरणे जिस बिंदु पर आकर मिलती हैं ,या जिस बिंदु पर आती हुई प्रतीत होती हैं ,दर्पण  मुख्य फोकस कहते हैं। 
                                           
फोकस दुरी 
       दर्पण के ध्रुव  फोकस विन्दु तक की दुरी  को दर्पण की  दुरी  हैं इसे (f ) प्रदर्शित करते हैं। 
आवर्धन छमता 
किसी बस्तु के बने प्रतिबिम्ब की लम्बाई तथा बस्तु की लम्बाई के अनुपातको रेखीय आवर्धन कहते है। इसे m से प्रदर्शित करते हैं।  
 
                 


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